हमारे बारे में

परिचय:-

यू0पी0 इण्डस्ट्रियल कोआपरेटिव एसोसिएशन् लि0 ( यूपिका ) का पॅजीयन वर्ष 1952 में कोआपरेटिव सोसायटी एक्ट सन् 1912 की धारा-8 के अंतर्गत उपधारा (2), पद (अ) (ब) के अंतर्गत हुआ था, जिसका पंजीयन संख्या 06 दिनांक 9/9/1952 है। यूपिका द्वारा यू0 पी0 कोआपरेटिव एक्ट 1965 की धारा 131 (4) के अंतर्गत दिनाॅक 22.07.1970 को माॅडल बाईलाज अॅगीकृत एवॅ पॅजीयन कराया गया था।

संस्था के मूल उद्देश्य निम्नवत् है:-

  • बुनकर, हस्तशिल्प एवॅ अन्य सहकारी समितियों का उत्थान, उनके द्वारा उत्पादित वस्त्रों का विपणन, संस्था के बिक्री केन्द्रों के माध्यम से करते हुये किया जाना।
  • बुनकर एवॅ हस्तशिल्प क्षेत्र में सहकारिता एवॅ सहकारी आन्दोलन को बढ़ावा एवॅ सहयोग प्रदान करना।
  • भारत सरकार एवॅ प्रदेश सरकार द्वारा चलायी जा रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सदस्य समितियों के बुनकरों एवॅ हस्तशिल्पियों को उपलब्ध कराना।
  • सदस्य सहकारी समितियों के बुनकरों को हथकरघा उद्योग के विकास हेतु नयी तकनीकी एवॅ डिजाईन उपलब्ध कराना।
  • सदस्य समितियों को कच्चा माल, सूत आदि उपलब्ध कराना।
  • संगठन :-

    वर्तमान में यूपिका का प्रबन्धन शासन द्वारा नामाॅकित प्रशासक समिति द्वारा सम्पन्न किया जा रहा है, जो निम्नानुसार है-

  • प्रमुख सचिव, हथकरघा एवॅ वस्त्रोद्योग, उ0 प्र0 शासन, लखनऊ - अध्यक्ष
  • निदेशक, हथकरघा एवॅ वस्त्रोद्योग, उ0 प्र0, कानपुर - सदस्य
  • प्रबन्ध निदेशक, उ0 प्र0 राज्य हथकरघा निगम लि0, कानपुर - सदस्य
  • प्रबन्ध निदेशक, यूपिका, सर्वोदय नगर, कानपुर - सदस्य
  • प्रबन्ध निदेशक, उ0 प्र0 सहकारी कताई मिल संघ लि0, कानपुर - सदस्य
  • संस्था का आन्तरिक प्रशासन प्रबन्ध निदेशक द्वारा संचालित है।
  • यूपिका से 2488 सदस्य समितियाॅ सम्बद्ध है, जिनके कुल बुनकर सदस्यों की संख्या 68856 है। आरम्भ से ही यूपिका प्रदेश के बुनकर सहकारी समितियों की शीर्षस्थ संस्था के रूप में कार्यरत् रहकर प्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य को सहकारिता के माध्यम से विकसित करने एवॅ औद्योगिक सहकारी समितियों को प्रोत्साहन् प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है। विभिन्न शहरों में स्थित यूपिका के 49 बिक्री केन्द्रों द्वारा मेलों एवॅ प्रर्दशनी आदि के माध्यम से हथकरघा वस्त्रों का विक्रय कर संस्था से जुड़ी बुनकर सहकारी समितियों/ हस्तशिल्पियों/ औद्योगिक इकाईयों को लाभान्वित् किया जा रहा है।