बिक्री केन्द्रों पर प्राफिट शेयरिंग बेसिस पर सहभागिता योजना ( पायलेट ) के मुख्य बिन्दु एवॅ नियम/ शर्ते
आवेदनकर्ता इकाई को प्रर्दशन कक्ष का 70 प्रतिशत स्थान ही बिक्री करने हेतु आंबटित होगा। शेष 30 प्रतिशत स्थान पर यूपिका द्वारा अपने माल की बिक्री करायी जायेगी।
आवेदनकर्ता इकाई/समिति का वार्षिक न्यूनतम बिक्री लक्ष्य (Minimum Guaranteed Sale / M.G.S.) निर्धारित किया जाता है,
जिस पर 20 प्रतिशत की दर से प्राफिट मार्जिन आवेदनकर्ता इकाई/समिति यूपिका को देगी। M.G.S. से अधिक की बिक्री पर भी आवेदनकर्ता इकाई द्वारा यूपिका को 20 प्रतिशत प्राफिट मार्जिन देय होगा एवॅ
यदि आवदेनकर्ता इकाई M.G.S. से कम सेल करती है, तो भी आवेदनकर्ता इकाई अनुमन्य M.G.S. का 20 प्रतिशत प्राफिट मार्जिन यूपिका के पक्ष में देगी।
M.G.S. पर प्राफिट मार्जिन की गणना ग्रास सेल पर की जायेगी। डिस्काउण्ट आवेदनकर्ता इकाई द्वारा दिया जायेगा एवॅ इसका भार भी उनके द्वारा ही वहन् किया जायेगा। भारत सरकार/राज्य सरकार से
यदि कोई रिबेट अनुमन्य होता है तो उसका लाभ आवेदनकर्ता इकाई को नहीं दिया जायेगा।
M.G.S.मे 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी प्रतिवर्ष की जायेगी एवॅ उसके अनुसार ही यूपिका को आवेदनकर्ता इकाई द्वारा प्राफिट मार्जिन देना होगा।
इस योजना के अंतर्गत अनुबन्ध 4 वर्षो का होगा। उक्त कार्यकाल के बाद प्रबन्ध निदेशक यूपिका द्वारा अनुबन्ध को बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है।
बिक्री केन्द्र की काउण्टर सेल ही M.G.S. के अंतर्गत मान्य होगी। राजकीय आपूर्ति एवॅ अन्य बिक्री को इससे पृथक रखा जायेगा।
कैशमेमो यूपिका के प्रयोग में लाये जायेंगें एवॅ धनराशि यूपिका के कार्मिक द्वारा प्राप्त करते हुये यूपिका के बैंक खाते में जमा की जायेगी।
आवेदनकर्ता इकाई को उसके माल की बिक्री के अनुरूप भुगतान प्रत्येक माह में कर दिया जायेगा।
आवदेनकर्ता इकाई को रू0 1.00 लाख का बैंक ड्राफ्ट सेक्योरिटी के रूप में जमा करना होगा जोकि अनुबन्ध अवधि में किसी प्रकार का विवाद/बकाया न होने की स्थिति में आवेदनकर्ता को वापस कर दिया जायेगा।
आवेदनकर्ता इकाई द्वारा हथकरघा, हस्तशिल्प, लघु एवॅ कुटीर उद्योग के उत्पाद और अनुमोदित आईटम ही बिक्री हेतु रखें जायेंगे। माल के निरीक्षण का अधिकार यूपिका के पास सुरक्षित रहेगा।
आवेदनकर्ता इकाई अपने माल की बिक्री हेतु काउण्टर पर अपना प्रतिनिधि रखेगी एवॅ उसका समस्त खर्च आवेदनकर्ता इकाई द्वारा ही वहन् किया जायेगा।
माल की जिम्मेदारी यूपिका/इकाई के प्रतिनिधियों की संयुक्त रूप से होगी परन्तु बिक्री केन्द्र के समस्त वैधानिक अधिकार, जो यूपिका के है वो प्रभावित नहीं होगें।
बिक्री केन्द्र का नवीनीकरण एवॅ साज-सज्जा आवेदनकर्ता इकाई द्वारा अपने खर्च पर ही कराया जायेगा।
आवेदनकर्ता इकाई द्वारा विक्रय हेतु रखे गये माल का बीमा प्रीमियम राशि का भुगतान इकाई द्वारा वहन् किया जायेगा।
अनुबन्ध की तिथि के बाद से बिक्री केन्द्र से सम्बन्धित बिजली बिल का भुगतान आवेदनकर्ता इकाई द्वारा किया जायेगा। इकाई के माल पर सभी प्रकार के टैक्स
( जो भी देय होगा) आदि इकाई को यूपिेका की ओर से वहन् करना होगा।
आवेदनकर्ता इकाई को यूपिका के बाई - लॉज के अनुसार संस्था का नामिनल मेम्बर बनना अनिवार्य होगा वर्तमान मैं कार्यरत एस. एण्ड आर. पर कार्य कर रही समितियों/इकाइयों को वरीयता दी जाएगी | अन्य शर्ते अनुबन्ध-पत्र में उल्लेख की जायेगी। जिस पर आवेदनकर्ता इकाई की सहमति के पश्चात् ही अनुबन्ध की कार्यवाही की जायेगी।
अनुबन्ध की शर्तो का उल्लघंन/अकारण विवाद तथा अनुशासनहीनता किये जाने पर प्रबन्ध निदेशक यूपिका को अधिकार होगा कि एक माह की नोटिस पर अनुबन्ध समाप्त कर दे।
विवाद की दशा में यूपिका के बाई - लॉज के अनुसार उत्तर प्रदेश सहकारी समिति अधिनियम एवॅ नियमावली के अधीन निस्तारित किया जायेगा।
न्यायालय क्षेत्र कानपुर नगर होगा।
यूपिका आवश्यकतानुसार नियमों एवॅ शर्तो में संशोधन कर सकती है।
संस्थाहित में प्रस्ताव /प्रस्तावों को निरस्त करने का अधिकार प्रबन्ध निदेशक, यूपिका में निहीत है।